खुद को पेंसिल जैसा बनाओ
एक लड़का अपने पिता को कागज पर कुछ लिखते हुए देखकर पूछा, -‘ क्या आप मेरे लिए कहानी लिख रहे है ?
पिता ने कहा,- ‘कहानी तो लिख रहा हूँ पर उससे महत्वपूर्ण यह पेंसिल है जिससे मैं लिख रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ तुम भी बड़े होकर पेंसिल कि तरह ही बनोगे . ‘
लड़के ने कहा -‘इसमें क्या बात है ये तो बाकी पेन्सिल जैसा ही तो है.’
पिता ने बोला -‘ये तो तुम्हारे नजरिये पर निर्भर करता है ,तुम्हे पेंसिल में कुछ नजर नहीं आ रहा है पर मुझे इसके पांच खास गुण नजर आ रहे है जिसे अपना लो तो तुम महान बन जाओगे.’
पहला : आप महान कामों को अंजाम दे सकते है लेकिन पेंसिल की तरह यह न भूले कि आपके भी पीछे एक हाथ होता है जो आपको मार्गदर्शन देता और उस हाथ को हम ईश्वर कहते है.
दूसरा: शार्पनर पेंसिल को थोड़ी देर के लिए बहुत तकलीफ पहुचाता है पर इसके बाद वो नुकीली होकर और भी ज्यादा अच्छा लिखती है. इसलिए तुम्हे भी दुःख और तकलीफों को सहना सीखना चाहिए क्योकि वो तुम्हे अच्छा व्यक्तित्व प्रदान करती है .
तीसरा: पेंसिल इरेजर द्वारा गलतियों को मिटाने का मौका देती है यानी गलतिया हो तो उसको सुधारना भी जरुरी है यह हमें न्याय और सज्जनता के रास्ते पर चलने में मदद करती है .
चौथा: पेंसिल में उसकी लकड़ी से ज्यादा उसके अन्दर कि ग्रेफिट महत्वपूर्ण है,जिसके कारण उसका वजूद है. इसलिए तुम हमेशा धयान दो कि तुम्हारे अन्दर क्या भरा है?
पांचवां: पेंसिल हमेशा निशान छोड़ जाती है,तुम भी जीवन में जो कुछ करते हो वह निशान छोड़ जाती है इसलिए कोई भी काम चाहे वो कितना भी छोटा क्यों न हो बुद्धिमानी और एकाग्रता से करो.
"ये तो गजब की थी…..मैंने आज तक कहीं नहीं पढ़ी…."
Wah! kya baat kahi hai! Sach me anmol…!
Ek paheli yaad aayi:
"Chalte,chalte ek musafir ruk gaya,
Lao chhuri,kato gardan,phirse chalne lag gaya!"
Behatareen!
Rochak!
Prernadaayak!
wonderful dear
rajesh suryavanshi chhattisgarh
ye to wakai me man ko chhu lene wali bat hai bhai…
rajesh suryavanshi
janjgir-champa(chhattisgarh)
protsahit karnewala sandesh.
बहुत प्रेरणादायक….मैंने भी आज तक नहीं पढ़ी थी
pencil ko apne haath main kaye baar liya hain,par kabhi is tarah se nahi socha jaise aapne socha hain.ab se yeh paanch anmol baaten yaad rakhungi
बहुत सार्थक प्रेरक बोध कथा। धन्यवाद। शायद पहली बार ब्लाग देखा है। बहुत अच्छा लगा। शुभकामनायें
ati sundar!!
बहुत प्यारी प्रेरक कथा
प्रणाम
prabhu aapki jai ho
bahut sunder………….
Ak behtarin post even I discussed about it with my friends thanks RS SHARMA
bahut hi rochak kahani hai, bahut sadhuvad
saral sidhe sabdo me tagda gyan