लीक से हटकर
5 लाख बैंक से लोन लेकर IIM अहमदाबाद (भारतीय प्रबंधन संसथान ) में एम०बी०एo की पढ़ाई शुरू की और 2007 के बैच में वहां का टॉपर बने और कैम्पस में सारी नौकरियों को ठुकराते हुए पटना में ठेले से घर-घर जाकर सब्जी बेचने का सोचा .
इनके इस निर्णय ने न सिर्फ उनके परिवार को विचलित कर दिया बल्कि दोस्त और रिश्तेदारों ने भी जम कर आलोचना की और मजाक उड़ाया .पर इनके इरादे कुछ और थे .अपने स्कोलरशिप के महज 25000 रुपयों के द्वारा इन्होने अपने बिजनेस की शुरुआत एक खास तरीके की फाईबर वाले ठेले से शुरू की जिसमे बर्फ के सहारे 6 दिनों तक सब्जियों को ताजा रखा जा सकता है.
इनका नाम है कुशलेंद्र जो बिहार के एक छोटे से गाँव अहमदनगर से है. महज 29 साल के इस नौजवान के लीक से हटकर चलने के पक्के इरादे ने ही आज 5 करोड़ रूपये से भी ज्यादा सालाना टर्नओवर वाली संस्था “समृद्धि” को जन्म दिया .जिसके अंतर्गत 600 किसान और लगभग 3000 वेंडर आज उनके नेटवर्क में है .
आज वो लगभग सौ ठेलो के मालिक है और इसे अभी वो शुरुआत बताते है इनकी योजना अगले साल तक अपने संगठन को 100 करोड़ तक पहुचने की है. श्रोत से लेकर उपभोक्ता तक उत्पाद की सच्चाई को उजागर रखने के लिए कंपनी ने एक सच्ची सप्लाई चेन और सेवा की स्थापना की है जो किसानो से सीधे ग्राहकों तक सब्जी को पहुंचाती है. आज न सिर्फ परिवार और दोस्त बल्कि उपभोक्ता और सरकार से भी इन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है.
यदि आपके पास कोई सपना है ,उसे पूरा करने के लिए आपके पास केवल एक जीवन है .शुरू करने के लिए खुद पर विश्वास कीजिये और अन्य को हमारे प्रयासों पर हंसने और बाद में उसी मुंह प्रसंशा का भरपूर मौका दीजिये.
yes I m totaly agree with u!
बहुत रोचक समाचार है। लीक से हटकर चलने के लिए साहस चाहिए होता है।
घुघूती बासूती
interesting
वाह ..यह हुई असली पढाई ….हमारी शुभकामनायें ऐसे लोगों को …
इनके बारे में पहले पढ़ा था मैंने …और काफ़ी प्रभावित भी हुई थी…अपने गाँव वालों को भी इनके परिश्रम से बहुत लाभ हुआ है…
आपका ब्लॉग निसंदेह बहुत सार्थक ब्लॉग माना जाना चाहिए…आपकी प्रविष्ठियां जनमानस को छूती हैं ..बहुत अच्छा काम कर रहे हैं आप..
मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं…
धन्यवाद…
bahut-bahut shukriya !
हा मै भी इनके बारे में टीवी में देख चुकी हु ऐसे लोगों को देख कर ही लगता है की किसी अच्छे संस्थान से पढ़ने और अच्छी पढाई का सही मतलब यही जानते है और उसका सही उपयोग भी ऐसे लोग ही करते है | ज्ञान तो वही सबसे अच्छा होता है जो ज्ञानी के साथ ही दूसरो का भी भला करे |
prernaamaee achhee rachnaa
aadarneey "adaa' ji aur 'anshumala" ji ki baato se sehmat hooN
साहस और लगन की इस मिसाल के बारे में पहले भी पढ़ा था …ऐसे लोंग साबित कर देते हैं कि लीक से हटकर और ईमानदारी से भी धन कमाया जा सकता है …!
बहुत अच्छा काम प्रयास कर रहे हैं कुशलेंद्र
Bahut badhiya!