सबसे बड़े सात आश्चर्य
एक स्कूल में छात्रों के एक समूह से कहा गया कि वे दुनिया के सात आश्चर्यो की एक सूची बनाये . हालाँकि बच्चो में इस बात को लेकर मतभेद थे पर सबसे ज्यादा लोगो ने इन सात को चुना –
मिश्र के पिरामिड ,ताजमहल ,ग्रेट केन्योन ,पनामा नहर ,एम्पायर स्टेट बिल्डिंग ,चीन की दिवार और सेंट पिटर बेसिलिका .
टीचर ने सबके उत्तर को इकठ्ठा करते हुआ पाया कि एक बच्ची ने अभी तक अपना पर्चा पूरा नहीं किया है .तब उन्होंने उससे पूछा कि बेटा! क्या कोई मुश्किल है ?
छात्रा ने उत्तर दिया थोड़ी सी ! मैं तय नहीं कर पा रही हूँ क्योकि ढेर सारे आश्चर्य है. टीचर थोड़े संकोच में पड़ गए .फिर टीचर ने कहा चलो जितने लिखे है उतना ही दिखा दो शायद मैं कोई तुम्हरी मदद कर संकू .
छात्रा पहले तो हिचकिचाई , फिर उसने पढना शुरू किया ,मैं सोचती हूँ कि दुनिया के सबसे बड़े सात आश्चर्य है-
१. देखना, २. महसूस करना ३. सुनना ४. छूना ५. स्वाद लेना ६. प्यार करना ७. मुस्कुराना
कक्षा में इतनी ख़ामोशी छा गयी कि सुई का गिरना भी सुना जा सकता था .
अच्छी बात कही आप ने |इस ब्लॉग पर आना हमेशा अच्छा लगता है यहाँ हमेसा एक अच्छी ज्ञानवर्धक और प्रेरणा देने वाली बात पढ़ने को मिलती है |
bahut shukriya! anshumala ji
beautiful.
पढकर अच्छा लगा आपका blog.
bahut hi khubsurat aur shikshaprad baat kahi hain aapne,
Badhiya hai, Singh ji!
bahut hi sunder bachhi ka jabab hai.
बहुत बढिया। उस बच्ची को आशीर्वाद
अद्भुत !
बहुत बढिया…..
kya kubh hai,ahsas mahsoos karne ki baat hain our yeh umar ka mohtaz nahin hai
Duniya k btaye ko n soch kar apni hi soch ko btane ki khubi har kisi me nahi hoti leek se hat kar chalna bahut himmat ka kam he
Duniya k btaye ko n soch kar apni hi soch ko btane ki khubi har kisi me nahi hoti leek se hat kar chalna bahut himmat ka kam he