जरूरतमंदो की मदद और दूसरों की जिंदगी बचाने का जूनून और जज्बे का नाम है “शिखा मेहता” यूनिवर्सल ब्लड बैंक संचालित कर सैकड़ों लोगो की जान बचा चुकी है पटना की रहने वाली शिखा
खून की चंद बूंदों से किसी घर का चिराग बुझने से बच सकता है। इस बात को वही समझ सकता है जब किसी का अपना अस्पताल में खून की कमी से जिंदगी और मौत से जूझ रहा होता है और उस वक्त सिर्फ एक चीज की दुवा करता है कि बस कहीं से भी उसे ब्लड मिल जाये जो उसके ग्रुप से मैच करता हो | दोस्तों आज हम बात करेंगे बिहार पटना की एक जाबांज बेटी और यूनिवर्सल ब्लड बैंक की संचालिका शिखा मेहता की जिनका शौक ही है दूसरों की जिंदगी बचाना |इनकी संस्था में 250 लोग हैं जो खुद ब्लड डोनेट तो करते हीं हैं साथ में ब्लड डोनेट करने के बारे में लोगों को समय समय पर जागरूक भी करते है |
अँधेरी जिंदगी को उजियार करती शिखा मेहता
आज पुरे भारत में हर दीन 38000 ब्लड यूनिट की जरुरत परती है और पर किसी न किसी कारण ये जरुरत पूरी नहीं हो पाती है फलस्वरूप बहुत सारे इन्सान की मृत्यु ब्लड उपलब्ध न होने के कारण हो जाती है | अगर देखा जाय तो अगर हमारा समाज रक्तदान के प्रति जागरूक हो जाये हो खून के आभाव में किसी की भी मृत्यु नहीं होगी |
शिखा मूलतः पटना की रहने वाली है जो की यूनिवर्सल ब्लड (U BLOOD BANK )बैंक संचालित करती है | लोगो को जरुरत के समय वो और उनकी टीम हर वक्त मौजूद रहती है |आमिर हो या गरीब हो सभी के मदद के लिए शिखा मेहता और उनकी टीम 24 घंटे मुस्तैद रहते हैं | और साथ हीं लोगों को ब्लड डोनेशन के बारे में जागरूक भी करती है | शिखा और उनकी टीम का यह मोटो है की वो समाज में ब्लड डोनेशन के बारे में जागरूक करे और लोगो को यह समझा रहे है 18 वर्ष से अधिक के लोग ब्लड डोनेट कर सकते है |
अभिनव शुभम ने शुरू किया था यूनिवर्सल ब्लड बैंक
शिखा मेहता के भाई 28 नवम्बर 2016 को अभिनव शुभम ने यूनिवर्सल ब्लड बैंक की शुरुवात की थी | पर पढाई के कारण अभिनव शुभम इस मुहीम को आगे नहीं ले जा रहे थे | तब शिखा ने अपने भाई की इस मुहीम को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया | शुरुआत में शिखा मेहता पहले अपने परिवार के सदस्यों को इस मुहीम से जोड़ी | फिर धीरे धीरे टीम के लोगों की संख्या बढती गई |शिखा कहती हैं, मेरी कोशिश इस कारवां को और आगे बढ़ाने का है ताकि हम सब दूसरों की जरूरत के वक्त काम आ सकें और लोगों को भी यह संदेश जाए कि आधी आबादी किसी भी कार्य में पीछे नहीं है |
मिलते गये हमसफ़र बढ़ता गया कारवां
शिखा मेहता ने अपना पहला कैंप कंकरबाग पटना में आयोजित किया था और आज पटना के सारे हॉस्पिटल और कॉलेजों में ब्लड डोनेशन कैम्प लगवा चुकी है |वर्तमान में उनकी टीम में गौतम सोनी, अमन कुशवाहा , अबिनाश मेहता ,श्वेता मेहता , राकेश सोनी, अमरजीत , बुयती सिंह सहित 250 लोग से भी ज्यादा जुड़ चुके है हैं जो खुद ब्लड डोनेट तो करते हीं हैं साथ में ब्लड डोनेट करने के बारे में लोगों को समय समय पर जागरूक भी करते है |
उनके ग्रुप की हर मेंबर्स रक्तदान करती हैं.शिखा बताती हैं, ग्रुप में हम सभी एक-दूसरे से जुड़ हुए हैं | जैसे ही हमारे पास को ब्लड की जरूरत की सूचना हमारे पास आती है तो हम सभी एक-दूसरे से संपर्क करते हैं और ब्लड डोनेट के लिए पहुंच जाते हैं |
परिवार और लोगों का भरपूर मिल रहा है साथ
शिखा मेहता ने बिहार स्टोरी टीम को बताया कि ” मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे घर वालों ने इस कार्य के लिए मुझे सपोर्ट किया़ हालांकि मेरी ऐसी कई दोस्त हैं, जिन्होंने पहली बार घर वालों को बिना बताये अपना रक्तदान किया था , फिर मैंने उनको सपोर्ट किया और उनको यह समझाया कि रक्तदान करने के बारे में घरवालों को जरूर बताये ,मैं खुद उनके घर गयी और उनके पैरेंट्स को समझाने की कोशिश की, मेरी पहल का असर हुआ और अब तो घर वाले भी मेरा साथ देते है और इस मुहीम को बढ़ा रहे है |
समाज के लिए सन्देश
शिखा समाज के लोगों से अपील करती है कि आइये आप और हम अच्छे मार्ग से बढ़ते हुए रक्तदान करें। रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। रक्तदान एक महादान है। आपके हमारे द्वारा दिया गया रक्त किसी की जान बचा सकता है। मानव शरीर से दिया हुआ रक्त अगर किसी व्यक्ति की अंधेरी जिंदगी में उजियारा लेकर आता है तो इससे बड़ा पुण्य और परोपकार की बात क्या हो सकती है | आज न जाने कितने लोगों की मृत्यु सिर्फ रक्त न मिलने के कारण हो जाती है | ब्लड डोनेट करने उनको कोई बीमारी नहीं होगी | आप हर तिन महीना पर ब्लड डोनेट कर सकते है |
Manoj Kr Gupta
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