भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति की पौत्री है अभिनेत्री ( Shreya Narayan ) श्रेया नारायण पारिवारिक प्रोफेशन से दूर अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली श्रेया नारायण
भारतरत्न’ की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित किए जाने वाले भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद जो महान देशभक्त, सादगी, सेवा, त्याग और स्वतंत्रता आंदोलन में अपने आपको पूरी तरह संलग्न कर देने वाले एक महान व्यक्तित्व थे |
साहब बीवी और गैंगस्टर फिल्म में महुआ के किरदार में मिली अपार सफलता
देखा जाए तो इनके घर में डॉक्टर इंजीनियर की कोई कमी नहीं है पर उन्ही में से एक है ( Shreya Narayan ) श्रेया नारायण जो इस प्रोफेशन से दूर एक बॉलीवुड एक्ट्रेस के रूप में उभर चुकी है जी हम बात कर रहे है साहब बीवी और गैंगस्टर फिल्म में महुआ का किरदार निभा चुकी ( Shreya Narayan ) श्रेया नारायण की |
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्मी है ( Shreya Narayan ) श्रेया नारायण
श्रेया नारायण ( Shreya Narayan ) जो भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की पौत्री है | जिन्होंने अपने दम पे बॉलीवुड की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई है | इनका जन्म 22 फ़रवरी 1985 में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ था |
श्रेया ने थिएटर के सहारे दी थी अपने उम्मीदों को एक नई उड़ान
जिन्होंने अपनी माता को बहुत कम उम्र में ही खो दिया था | बॉलीवुड एक्ट्रेस श्रेया की मां कैंसर से पीड़ित थीं, जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी। श्रेया ने थिएटर के सहारे ही अपने जीवन को एक नई दिशा में उड़ान दी । इनके अनुसार जब तक आप फिल्म इंडस्ट्री में कुछ बन नहीं जाते, तब तक आपका शोषण होता रहता है।
जयपुर में पली बढ़ी है ( Shreya Narayan ) श्रेया नारायण
गुलाबी शहर जयपुर में पली-बढ़ी देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की परपोती श्रेया नारायण जो बॉलीबुड की बोल्ड एक्ट्रेस में से एक हैं। श्रेया का कहना है कि कलाकार अलग-अलग तरह के किरदार निभाते हैं तो आपको ऐसा तरीका मिल जाता है, जिससे आप अपनी शख़्सियत को किसी फ़िल्मी किरदार में ढालकर उसे फ़िल्म ख़त्म होने के बाद छोड़ सकते हैं।
अस्पताल में अपनी से एक बेटी रूप में मिलती थी और शूटिंग पर जाते ही अपनी किरदार में ढल जाती थी |
जब वो अपनी मां से मिलने अस्पताल जाती थी तो एक ज़िम्मेदार बेटी होती थी और जब उन्हें छोड़कर शूटिंग पर जाती थी तो बस वह एक किरदार के रूप में ढल जाती थी, जिसे वो निभा रही होती थी। जिससे ये पता चलता था की आप अपनी भावनाओं को कितना नियत्रण कर सकते हो | इन्होने एक इंटरव्यू में कहा था कि थिएटर ने उन्हें उनकी पहचान और खुशी दिलाई, क्योंकि वह बचपन में एक नाखुश बच्चे की जिंदगी जीती आ रही थीं।
दिल्ली विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री में कर चुकी हैं सनातक |
श्रेया ने दिल्ली विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया है और कॉलेज से ही उन्हें अभिनय का शौक़ जागा था । परन्तु इनके माता-पिता इससे ख़ुश नहीं हुए।उन्होंने जब अपने माता-पिता को अभिनय के शौक़ के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि तुम्हें जो करना है करो, पर हमसे किसी चीज़ की उम्मीद मत करना।”श्रेया के अनुसार मुंबई में इनकी ज़िंदगी आम स्ट्रगलर जैसी ही थी। जहाँ आपका व्यक्तित्व कहीं खो जाता है। जब आप मुंबई Mumbai आते हैं तो बड़े ख़ुश होते हैं। लेकिन आपको अहसास हो जाता है कि आप बस उस भीड़ का हिस्सा हैं जो मुंबई आई ही है अभिनय करने।
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