सम्राठ अशोक का रहस्यमयी कुंआ है पटना का अगम कुंआ अगम कुंआ के बिलकुल पास ही स्तिथ है शीतला माता का मंदिर। ऐसी मान्यता है कि पहले कुएं की पूजा की जाती है और फिर शीतला माता की
बिहार Bihar की राजधानी पटना में स्तिथ है रहस्यमयी ‘अगम कुआं’। सम्राट अशोक ( Emperor Ashoka ) के काल के इस कुएं का धार्मिक और पुरातात्विक दोनों तरह से महत्त्व है तथा साथ ही इससे जुडी है कुछ मान्यताएं और रहस्य जो की इसे और भी विशिष्ट बनाते है। जैसे की आखिर क्यों नहीं सुखता है इसका पानी ?, क्या इसमें मौजूद है सम्राट अशोक ( Emperor Ashoka ) का खजाना?, या फिर आखिर क्यों सम्राट अशोक ने अपने 99 भाइयों की हत्या कर उनकी लाशें इस कुएं में डलवाई? आइए जानते है इन सब के बारे में थोड़ा विस्तार से –
पाताल से जुड़ा कुंआ अगम कुंआ
ऐसा माना जाता है की इस कुएं की खुदाई सम्राट अशोक ( Emperor Ashoka ) के काल 273-232 ईस्वी पूर्व में की गई थी। इस कुएं की ख़ासियत यह है कि भले ही कितना भयंकर सूखा क्यों ना पड़ जाए यह कुआं सूखता नहीं। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ क्यों ना आ जाए इस कुएं के जलस्तर में कोई खास वृद्धि नहीं होती। इस ऐतिहासिक कुएं का जलस्तर गर्मियों में अपने सामान्य जलस्तर से सिर्फ 1-1.5 फीट नीचे जाता है, वहीं बारिश के दिनों में भी जलस्तर सामान्य से केवल 1-1.5 फीट तक ऊपर आता है।
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इस कुएं की एक और ख़ासियत यह है कि इसके पानी का रंग बदलता रहता है। इस कुएं की गहराई नापने के अब तक अनेक प्रयास हुए है जिनसे पुरातत्व विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है की इस कुएं की गहराई लगभग 105 फ़ीट है। चूँकि 105 फ़ीट की गहराई उस ज़माने में बहुत ज्यादा थी क्योंकि उस ज़माने में मात्र 20 फ़ीट की खुदाई पर ही पानी निकल आता था इसलिए इस कुएं का नाम अगम कुआं पड़ा , अगम का मतलब होता है पाताल से जुड़ा हुआ।
इसमें था सम्राट अशोक का खजाना
इस कुएं के अंदर श्रखंलाबद्ध 9 और उसके बाद में छोटे-छोटे कुएं है तथा ऐसी मान्यता है की सबसे अंत में एक तहखाना है जहां सम्राट अशोक का खजाना रहता था। इसे खजानागृह भी कहा जाता था। सम्राट अशोक (Emperor Ashoka ) के साम्राज्य कुम्हरार से यह जुड़ा हुआ था। जहां से सुरंग के द्वारा यहां खजाना रखा जाता था।
गंगा सागर से जुड़ा है कुआं
इन कुएं के बारे में एक अन्य मान्यता यह है की यह इसलिए कभी नहीं सूखता है क्योंकि यह कुआं गंगासागर से जुड़ा है। इसके पीछे का तर्क यह है कि एक बार एक अंग्रेज की छड़ी पश्चिम बंगाल स्थित गंगा सागर में गिर गई थी जो कि बहते-बहते पाटलिपुत्र स्थित कुएं के ऊपर आकर तैर रही थी। आज भी वह छड़ी कोलकाता के एक म्यूजियम में रखी हुई है।
अपने 99 भाइयों की लाशें डाली थी सम्राट अशोक ने इसमें
इस कुएं से जुडी एक अन्य मान्यता यह है की अशोक ने राजा बनने के लिए अपने 99 भाइयों की हत्या कर उनकी लाशें इस कुएं में डलवाई थी। सम्राट अशोक के समय आए चीनी यात्रियों ने भी, अपनी किताबों में इस कुएं का उल्लेख एक ऐसी जगह के रूप में किया है जहाँ सम्राट अशोक अपने विरोधियों को मरवाकर उनकी लाशें डलवाता था।
धार्मिक महत्त्व भी है अगम कुएं का
अगम कुएं के बिलकुल पास ही स्तिथ है शीतला माता का मंदिर। ऐसी मान्यता है कि पहले कुएं की पूजा की जाती है और फिर शीतला माता की। रोज़ाना यहां अनेकों भक्त कुएं की पूजा करने आते है।लोगों द्वारा कुएं में चढ़ावा भी चढ़ाया जाता है। हालांकि इसे रोकने के लिए अब कुएं के चारों ओर जालियां भी लगा दी गई हैं। ऐसी मान्यता है कि इस कुएं के जल का इस्तेमाल करने से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं।
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कुष्ठ रोग, चिकन पॉक्स जैसी कई बीमारियों के लिए लोग इस कुएं के जल का प्रयोग करते हैं। कहा जाता है कि इस कुएं के जल से नहाने से संतान प्राप्ति की मनोकामना भी पूर्ण होती है। साथ ही शीतला माता की पूजा-अर्चना करने के लिए भी इसी कुएं के जल का प्रयोग किया जाता है। लोग इस कुएं को गंगा से जुड़ा हुआ मानते हैं इसलिए मां गंगा की तरह पहले कुएं की पूजा की जाती है फिर अन्य देवी-देवताओं की पूजा होती है। कुएं में लोग अपनी आस्था के अनुसार चोना-चांदी, पैसे आदि अर्पित किया करते हैं।
ब्रिटिश खोजकर्ता ने खोजा था कुआं
इस कुएं की खोज साल 1902 -03 में ब्रिटिश खोजकर्ता लौरेंस वाडेल ने की थी। वाडेल ने उल्लेख किया है कि करीब 750 वर्ष पूर्व जब कभी कोई मुस्लिम पदाधिकारी पटना में प्रवेश करता था, तो सबसे पहले सोने और चांदी के सिक्के इस कुएं में डालता था। ऐसा भी कहा जाता है कि जब कोई स्थानीय चोर- डकैत अपने काम में सफल होता था तो इस कुएं में कुछ द्रव्य डाल देता था। ऐसा बताया जाता है कि जब अगम कुआं के पास पहली बार ब्रिटिश खोजकर्ता वाडेल पहुंचे तो वहां कई मूर्तियां मिली थी।
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