बकरियों को ठंढी में बीमारी से बचाने का मूल मन्त्र बाड़ा नित्य बुहारिये चुना दो दिन बाद सप्ताह अंत जारण करें घुलन तल का हो नाबाद मास हर करो पुताई त्रैमासिक स्नान बाल खुर आदि छटाई
दोस्तों जो लोग बिहार में बकरी पालन (Goat Farming In Bihar ) करते हैं उनके लिए आज की जानकारी बहुत खास है | अब बरसात का मौसम ख़त्म होने जा रहा है और कुछ हीं दिनों बाद ठंढी के मौसम की शुरुवात होगी ऐसे में बिहार के हर बकरी पालक (Goat Farmer Bihar ) के सामने खास कर नए बकरी पालकों ( New Goat Farmer ) को ये बात जानना जरुरी है की ठंढ के मौसम में बकरियों का ख्याल कैसे रखे
खान-पान में करें परिवर्तन
जो किसान भाई स्टॉल फीडिंग (Stall Feeding ) में अपने बकरी को रखते हैं तो सभी मौसम के लिए अलग-अलग भोजन की व्यवस्था रखे | जैसे गर्मी में मौसम में आप बकरियों ( Goats ) को तीसी का खल्ली देते हैं जिसका तासीर ठंढा होता है और बकरियां स्वस्थ ( Healthy Goats ) रहती है ठीक उसी प्रकार गर्मी के मौसम में तीसी के खल्ली के बजाय सरसो की खल्ली बकरी को खाने के लिए दीजिये क्यों की सरसो की खल्ली का तासीर गर्म होता है इसके अलावा गर्मी के मौसम में बकरी को आप मक्का देते हैं तो ठंढी के मौसम में मक्के की मात्रा को घटा कर उसमे ज्वार-बाजरा की मात्रा को ऐड करें, आपके बकरियों को ठंढी से कोई परेशानी नहीं होगी |
बकरियों को दे ताजा पानी
वैसे तो बकरियों को हर मौसम में ताजा पानी हीं दिया जाना चाहिए पर ठंढी के मौसम में आप बकरियों को पानी दिन के तीन बजे से पहले दें उसके बाद बकरियों को पानी भूल कर भी नहीं दें | इसके अलावा शाम के चार बजे के बाद बकरियों को बाहर न छोड़े, सभी बकरियों को बारे के अंदर बंद कर दे | और बाड़ा की सभी खिड़कियां बंद कर दें ताकि सर्द हवा अंदर बारे में प्रवेश न करे |
बकरियों को बीमारी से बचाने का मूल मन्त्र
बाड़ा नित्य बुहारिये चुना दो दिन बाद सप्ताह अंत जारण करें घुलन तल का हो नाबाद मास हर करो पुताई त्रैमासिक स्नान बाल खुर आदि छटाई
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