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बिहार में असहायों की भूख मिटा रहे हैं गुरु-शिष्य की ये टोली हर रोज सैकड़ों गरीबों का पेट भर रहे रोटी बैंक की बीज गुरु विजय प्रताप सनातन और शिष्य मनीष सिंह ने डाली थी आज देखते-देखते एक बड़े दरख्त का रूप ले चूका है
किसी की मुस्कुराहटों पे हों निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार- जीना इसी का नाम है…… गीत की ये…
पत्रकारिता छोड़कर शुरू किया एक जागरूकता अभियान जहाँ सिखाते है ट्रैफिक के नियम ( Traffic Rules ) का पालन करना | 250 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों में ट्रैफिक नियमों से बच्चों और युवाओ को जागरूक कर चुके है युवा ऋषभ आनंद |
आज भारत में ट्रैफिक Traffic Rules तोड़कर आगे निकल जाना ये आम बात हो गयी है ये जानते हुए भी की आगे दुर्घटना का शिकार भी हो सकता है फिर…
रांची के डॉ मुखर्जी जो पिछले पचास वर्षो से फ़ीस के नाम पर लेते हैं मात्र 5 रूपए डॉक्टर मुखर्जी गरीबों के लिए भगवान है, रांची के अलावा, गुमला, बोकारों सिमडेगा, खूंटी, पलामू, लातेहार, हजारीबाग सहित झारखंड के कई जिलों से लोग यहां ईलाज के लिए आते है।”
महंगाई के इस युग में गरीबों को सबसे ज्यादा परेशानी बीमार पड़ने पर ही होती है, जो बीमार होने पर दोराहे पड़ खड़ा हो जाता है की वो खाने के…
बिहार के लाल जो हैं झारखण्ड के असली ‘पैड मैन’ जहाँ औरते माहवारी के दौरान पत्ता और राख का इस्तेमाल करती थी वहां अब सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने लगी |
दोस्तों कुछ दिन पहले एक फिल्म आई थी ‘पैड मैन’ इस फिल्म में एक डायलॉग था की ‘औरत के लिए बीमारी से मर जाना शर्म के साथ जीने से बेहतर…
कहानी बिहार के सैंड आर्टिस्ट ‘मधुरेंद्र कुमार’ की मधुरेंद्र कुमार बिहार, झारखंड और यूपी से लेकर नेपाल तक अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं,आज दर्जनों पुरस्कार इनकी झोली में हैं |
दोस्तों शायद ही कोई होगा जो अपने बचपन में रेत के ढेर पर नहीं खेला होगा | मोहल्ले में पड़े रेत के ढेर से भगाए जाने तक हमलोग सड़क और गुफा…
पटना की बेटी को राष्ट्रपति के हाथों मिला ‘नारी शक्ति’ सम्मान यह सम्मान पाने वाली बिहार व झारखंड की पहली महिला हैं 'डॉ. भारती कश्यप'
इस संसार में सबसे खुशनसीब व्यक्ति वह होता है जो दूसरों को पीड़ा से मुक्त करता है | और डॉक्टर वह व्यक्ति होता है जो बीमार लोगों को पीड़ा से मुक्ति…
बिना हाथों के लकीरों वाली बसंती कुमारी ने अपना सुनहरा भविष्य अपने बुलंद हौसलों से बनायीं है विद्यालय में शिक्षिका के रूप में कार्यरत यह महिला बच्चों को हाथ से नहीं पैर से लिखकर पढ़ाती है |
ना कमी, तुझमें कोई,अब कर ले तू, खुद पे यकीं, जीतेगा तू, हर कदम,बस करना है, खुद पे यकीं | विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है, न ये आपके पूर्वजन्मों के…